बीते हुए लम्हे हमेशा दर्द भरे होते है ॥
इसलिए उन्हें अपने अरमानो के साथ ही जला देता हूँ मै
*********
कोई सास लेना भी कभी भूल सकता है भला?
वो तो ज़िंदा है मेरे दिल में धड़कने बनकर
**********
मालेगांव ब्लास्ट केस: न्यायिक बरी, पर जिम्मेदारी कौन तय करेगा?
-
*31 जुलाई 2025 को विशेष NIA अदालत ने मालेगांव ब्लास्ट केस (Special Case No.
1 of 2009) के सातों आरोपियों को बरी कर दिया। 17 वर्षों तक चले इस मुकदमे के
बाद ...
1 month ago
1 comments:
wah wah Kya Bat Hai
bhut khoob
Post a Comment