मुहब्बत सच और झूठ में नहीं फसती वो तो दिल से मन के बीच चलती है।
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कब तक यू ही दूर भागोगे? कभी तो मुड़कर हमसे नजरे मिलावोगे॥
नजर मिलेगी तो बात भी होगी ॥ ऐसा तो नहीं कि मुह बंद कर मुह चिढावोगे ?***********
मै कैसे कहू कि कब तक साथ दूंगा तेरा?
मै तो साया हू जब दिल करे पीछे मुड़कर देख लेना
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अब बस यही दुआ है कि तुम थोडा आराम करो तो मुझे कुछ चैन मिले
साया हू न कभी -कभी थक जाता हू *****************
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कब तक यू ही दूर भागोगे? कभी तो मुड़कर हमसे नजरे मिलावोगे॥
नजर मिलेगी तो बात भी होगी ॥ ऐसा तो नहीं कि मुह बंद कर मुह चिढावोगे ?***********
मै कैसे कहू कि कब तक साथ दूंगा तेरा?
मै तो साया हू जब दिल करे पीछे मुड़कर देख लेना
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अब बस यही दुआ है कि तुम थोडा आराम करो तो मुझे कुछ चैन मिले
साया हू न कभी -कभी थक जाता हू *****************